गया और फल्गु नदी
गया का नाम बहुत सुना था पर आज मालूम पड़ी एक गज़ब बात… यहां फल्गु, नाम की एक ऐसी नदी है, जो सतह पर सिर्फ और सिर्फ बालू का ढेर है और ज़मीन से कुछ फीट नीचे, पानी से लबालब.. छ्ठ में इस सूखे रिवर बेड में...
View Articleमुबारकबाद
तुमने रंगीनियों को चाहा शीशों से इमारतों को सजा दिया मैंने रंगों को चाहा तितलियों को हथेली पर बिठा लिया तुमने संगीत को चाहा सुरों को राग ताल में साध लिया मैंने सुरों को चाहा बुलबुल के गीतों में खुद को...
View ArticleRajnigandha Movie
सोचा था आज सुबह से बहुत बोल चुकी, अब ज़रा दोस्तों को आराम करने दूं.. पर कुछ देर पहले रजनीगंधा देखी.. और अभी अभी Sanjay जी की लिखी रोबोट और इंसान की प्रेम कहानी पढ़ी.. दोनों बातें जुड़ी सी महसूस हुईं,...
View ArticleThe Other Way by Imtiaz Ali
अभी अभी एक पोस्ट पढ़ी इम्तियाज़ अली की शॉर्ट मूवी “The Other Way” के बारे में.. देखने की उत्सुकता हुई और 14 मिनट की ये फिल्म youtube पर झटपट देख भी अाई.. कला और सिनेमा को अपनी बात कहने का पूरा हक है…....
View ArticleMy Prose in Ink Drift Magazine
My prose piece “Once Upon a Time in February” was published in Ink Drift Magazine in January 2018 Issue, aptly called Sprinkle.
View ArticleMasaan Movie
“कपाल पर ज़ोर से पांच बार मारिए, आत्मा को मुक्ति मिलेगी” कलेजा कैसे कांपता है न ये सुनकर.. पर वो क्या करे, जिसके घर का चूल्हा ही श्मशान की आग से जलता हो.. जो रोज़ जिस्मों को राख में बदलते देखता हो.....
View Articleनाटक
भूलना हो तो इतना याद करो कि वो अहसास नहीं अभ्यास बन जाए वास्तविक अनुभव नहीं आभास बन जाए पल पल रटा गया नाम अस्तित्व खो बैठता है क्षण क्षण झलकता प्रतिबिंब निर्जीव हो उठता है मूर्तियां गढ़ दो, आदर्श खो...
View Articleगर्मियां
कहने को तो अभी मार्च ही चल रहा है, पर दिल्ली की गरम सनसनाती हवा और चौंधियाता सूरज, मुझे बचपन की मई जून वाली छुट्टियां याद दिला रहे हैं…लू के थपेड़े, स्कूल से निजात दिलाते और नंदन, चंपक के सुनहरे दिन...
View Articleआंनदी गोपालराव जोशी, पहली महिला डॉक्टर
आज की भागदौड़ भरी दुनिया में शायद ही कोई हो, जो बिना दवा या डॉक्टर के गुज़ारा कर सके… या यूं कहें कि अगर आज हम में से ज़्यादातर लोग, एक लम्बी उम्र तक जीने के काबिल हुए हैं, तो ये मेडिकल साइंस में हुई...
View Articleदेह
प्रकृति बन पौरुष सहर्ष स्वीकारती तुम सभ्यता के उत्थान में योगदान देती तुम स्वयं से पहले, परिवार, समाज को पूजती तुम सदियों से बर्बरता झेल, कोमल ह्रदय सहेजती तुम कुछ न समझा तुमने जानते बूझते आंखें मूंदे...
View Articleइंसानियत
अखबार नहीं पढ़ती अब पोर जलते हैं मेरे समाचार नहीं देखती मन हुलसता है पर चली आती हैं गर्म हवाएं दिल जलाती, आत्मा कचोटती पक्ष प्रतिपक्ष निर्धारित करती इंसानियत अपने ही पांव पर कुल्हाडा मार दूसरों के...
View ArticleMukti Bhawan Movie
“मुझे अजीब सपने आते हैं, यकीनन मेरा अंत समय नज़दीक आ गया है, मैं कल बनारस चला जाऊँगा, मोक्ष तो वहीं मिलेगा” ये कहकर, रिटायर्ड टीचर/लेखक/कवि दया कुमार (ललित बहल), अपने जन्मदिन पर केक काट कर और गौ दान...
View ArticleMy Poem in Defender April 2018
My Hindi poem published in Defender Magazine April 2018 issue
View ArticleThe Curious Case of Benjamin Button Movie
Clockwise या anticlockwise? घड़ी की सुइयों से दिशा निर्धारण करना कितना सरल लगता है न! पर क्या हो अगर कोई घड़ी उल्टी चल पड़े, क्या ज़िन्दगी भी उसके संग उलट जाएगी? क्या हो अगर आप बूढ़े पैदा हों, और...
View Articleजंगल बैबलर्स
“दो कानों में एक सर कर देना है तेरा” वो आंखें दिखाकर कहतीं और मैं फ्राक का सिरा मुंह में डाल चुपचाप बैठ जाती, टुकुर टुकुर दीदी को देखती और उनके होंठों पर मुस्कान की झलक देख जोर से खिलखिला उठती। मामीजी...
View Articleमित्रो मरजानी, कृष्णा सोबती
मित्रो मरजानी: एकदम अलग सा नाम.. ऐसा कुछ किंडल पर झलके, तो अनदेखा कर आगे बढ़ पाना मुश्किल हो जाता है.. तिस पर कृष्णा सोबती जी लेखिका हों तो जिज्ञासा और बढ़ जाती है.. सो झट डाउनलोड की मित्रो मरजानी और...
View ArticleThe Curious Case of Benjamin Button by Scott F Fitzgerald
There are stories you want to read again and again and then there are stories, you wish, you hadn’t read once! Especially, if you have already seen and enjoyed a well made, sensitive movie, based on...
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