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Channel: Scribbles of Soul
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पाखी

नभ से जल तक अचल निश्छल मन से तन तक प्रेमिल स्नेहिल शब्द बने पाखी मचल मचल Anupama

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तन की थकन

तन की थकन मन को दोहरा कर रही है दिमाग में ख्याल भरमाते हैं पर कलम की नोंक से कहीं दूर भाग जाते हैं मन हुंकार उठता है नहीं करना मुझे इन कागज़ों को काला-नीला नहीं भरना मुझे किसी कैनवस में रंग नहीं भागना...

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अर्पण

तेरा तुझको अर्पण करके भी मैं परेशान ऐसा तो हो नहीं सकता। शायद मेरे समर्पण में ही कोई कमी है। इसे पूर्ण करने की एक कोशिश और करूँ या छोड़ दूं इसे बीच राह में असमंजस तू ही सुलझा। चल एक बात तो मानी मेरे...

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सुमन

अभेद्य प्रपंच है जीवन.. बेहद धीमी गति से रेंगता एक दुःस्वप्न.. वो हुलसकर बाहर आना चाहती है.. पर सघन तिमिर उसकी बांह खींच, वापिस ले जाता है… छोटे छोटे जुगनू, आशा की किरण से टिमटिमाते हैं और वो फिर फिर...

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लड़ियां

लाल पीले फूलों की लड़ियां दीवारों पे लटकती पुरानी जर्जर इमारतें भी नए रंगों में चहकती। जिन बेजान पत्थरों में अपनी याद भी बाकी नहीं पुष्पों के संपर्क से सजीव हो चले ज्यों पैदा ही हुए हों महकने के लिए।...

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रब तेरा शुक्राना

“पटना के सरदार गुरमीत सिंह कपड़ों की अपनी पुश्तैनी दुकान संभालते हैं।लेकिन रात होते ही वे 90 साल पुराने और 1760 बेड वाले सरकारी पटना मेडिकल कॉलेज और हॉस्पीटल के मरीज़ों के लिए मसीहा बन जाते हैं। बीते...

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अमलतास

आज देखा अजब नज़ारा गुलमोहर भी किसी से हारा! हुआ कुछ यूं कि हम चल रहे थे दीवार के साथ साथ वही निर्जीव लाल दीवार जो अपने पीछे जाने कितनी सुंदरता छुपाए बैठी है! पर आज उसकी शान ही कुछ अलग थी अमलतास के फूलों...

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प्यार करो

इतना ही तो चाहा मैंने कि तुम मुझको याद करो जब तुम देखो अपनी सूरत मुझको ही तुम याद करो जब उगता हो आधा सूरज मुझको ही तुम याद करो जब छाए वो चटख चांदनी मुझको ही तुम याद करो जब गहराए मस्या काली मुझको ही तुम...

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स्वागतम

2 साल पहले, आज ही के दिन, आये भूकम्प के बाद लिखा था ये पन्ना… सुबह साढ़े पांच बजे नींद खुल गई। कानों में पंछियों की चहचहाट रस घोल रही थी। पर्दा खींच कर एक तरफ हटाया तो ठंडी सी हवा भी तन को छूने लगी।...

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अप्रैल की शाम

हल्का नीला आसमां रूई की पहाड़ियों से नन्हे नाज़ुक बादल मद्धम सी हवा और पीपल के पीछे से झांकता कुतरा सा चांद उफ्फ! अप्रैल की ये शाम कितनी प्यारी है शायद मेंह बरसने की तैयारी है!! Anupama

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हिचकी

ये हिचकी क्या होती है? क्या वो झिझक जो दिल की बात गले में अटका देती है या वो तड़प जो किसी की याद में मन जला देती है जो भी हो बड़ी खतरनाक है हमारा हाल सारे जमाने को बताए देती है !! Anupama

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जंगल बैबलर्स

“दो कानों में एक सर कर देना है तेरा” वो आंखें दिखाकर कहतीं और मैं फ्राक का सिरा मुंह में डाल चुपचाप बैठ जाती, टुकुर टुकुर दीदी को देखती और उनके होंठों पर मुस्कान की झलक देख जोर से खिलखिला उठती। मामीजी...

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The Castaway by Rabindranath Tagore

The Castaway is yet another short story by Tagore that I have just finished reading. The story revolves around a Zamindar family, relaxing leisurely in Chandernagore, to aid in healing of their...

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Amish’s Modern Sita Coming Soon

Amish Tripathi is well known for turning legends on their head. He picks up a well known mythological story, chips away at the religious connotations and presents a brand new version of the Myth. Sans...

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पहली बारिश

सौंधी सौंधी सी खुशबू और ढेर सारी ब्यार लगता है जैसे बादलों को भी होने लगा प्यार तभी तो तेज़ धूप में भी बरस रहे हैं पहली बारिश की बूंदों से तपती धरती की मांग भर रहे हैं। Anupama I Had written it on 5th...

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Bahubali out as a Trilogy by Anand Neelakantan

Bahubali movies have amassed great fan following with their superb graphic effects,fantastic direction and intriguing story. Who hasn’t heard of the question “Why Katappa killed Bahubali” and the...

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You will remember by Pablo Neruda

You will remember – Pablo Neruda तुम याद करोगे वो उच्छृंखल नदी जहां मधुर सुगंध उठती और कंपित होती थी और कभी-कभी एक पक्षी, पहने पानी की पैरहन और सुस्त, सर्दीले उसके पंख तुम याद करोगे धरती के वो उपहार...

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काली चट्टान

काली चट्टान के पीछे सफेद झरने के नीचे बुदबुदे होंठों कांपते हाथों से कई खत लिखे पर दिल की बात जु़बां पर आ न पाई आज एक अनोखा काम कर आई हूँ हर पत्ते पर बस तेरा नाम लिख आई हूँ ! Anupama ऐ थके हारे मानव!...

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मासूम खुशियां

चाँद की नाव नदिया में खेने सितारे ज़मीं पे चले आये इक तितली ने पंख फैलाये असंख्य फूल खिल आये इक बदरा ने आवाज़ लगाई मस्त हवा पहाड़ों से दौड़ी आई झरना खिलखिलाया पगडण्डी लहराई रेतीले टीलों ने भी हामी मिलाई इक...

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बगूला

Bheeni si Khushboo Mehki kahin Yaadon ka Bagoola Behkane laga Gulmohar ki Paak Panah mein Jhoolti Nanhi Sunehli kaliyaan Khaamosh Dopahar Ruki Sadaayein Jhuki si Palken Khwaab Sajaayen Jaane Saazishen...

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